पितृ पर्वत इंदौर | Pitra Parvat Indore

इंदौर देश के सबसे साफसुथरे और सुंदर शहरों में एक माना जाता है। इंदौर में घूमने के लिए कई महत्वपूर्ण स्थान हैं इनमें से प्रमुख है पितृ पर्वत। पितृ पर्वत बिजासन रोड पर स्थित है यहां एक पहाड़ी पर 108 टन वजनी एवं 72 फीट ऊंची दुनिया की सबसे बड़ी अष्ट धातु की बैठी हुई हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई है जिन्हें पित्रेश्वर हनुमानजी कहा जाता है | पित्रेश्वर हनुमान जी की प्रतिमा का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों की 7 साल की अथक मेहनत से संभव हुआ है। हनुमान जी की प्रतिमा सुनहरे रंग की है। पित्रेश्वर हनुमान जी की प्रतिमा बैठी हुई है और भगवान राम की भक्ति में लीन दिखलाई देती है। प्रतिमा के पास एक विशाल गदा है जिसका वजन 21 टन और लंबाई करीब 45 फीट है। प्रतिमा दूर सही दिखलाई देती है । यहां शंकर जी और भैरव नाथ का प्राचीन मंदिर भी है। पितृ पर्वत हरे भरे पेड़ पौधों से आच्छादित बहुत ही सुंदर स्थान है यहां दूर-दूर से लोग पित्रेश्वर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह स्थान ऊँचाई पर होने के कारण यहाँ से इंदौर शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है ।पितृ पर्वत स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पिकनिक स्पॉट भी है। 

पित्रेश्वर हनुमान जी की प्रतिमा | Pitreshwar Hanuman ji Indore 

Pitreshwar hanuman pratima
Pitreshwar hanuman ji Indore

पित्र पर्वत पर स्थित पित्रेश्वर हनुमान जी की प्रतिमा अष्ट धातु से निर्मित है जो विश्व की हनुमान जी की बैठी हुई अष्टधातु से निर्मित सबसे बड़ी प्रतिमा है | इस प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 72 फीट एवं चौड़ाई भी 72 फीट है प्रतिमा का वजन 108 टन है। हनुमान जी के दोनों हाथों में मंजीरे और पास में गदा रखी हुई है। हनुमान की गदा का वजन 21 टन और इसकी लंबाई 45 फीट है। हनुमान जी की प्रतिमा के पास 15 फीट लम्बी और 12 फीट चौड़ी रामकथा भी रखी हुई है । प्रतिमा इस तरह दिखलाई देती है मानो हनुमान जी राम भक्ति में पूरी तरह से लीन हो। हनुमान जी की प्रतिमा को  सुनहरे रंग से रंगा गया है। पित्रेश्वर हनुमान जी की प्रतिमा के ऊपर 3 टन की छतरी है जिसकी ऊंचाई 18 फीट है और पास में एक विशाल धजा लहरा रही है। प्रतिमा के निर्माण में लगभग 10 करोड की लागत आई है।  

पित्रेश्वर हनुमान मंदिर इंदौर | Pitreshwar hanuman Temple

जिस स्थान पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है उसी स्थान पर प्रतिमा के नीचे हनुमान जी का बहुत ही सुंदर मंदिर बना हुआ है | मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया है। मंदिर की वास्तुकला देखने योग्य है पितृ पर्वत मंदिर के गर्भ गृह में हनुमान जी की पत्थर से निर्मित भव्य एवं सुंदर प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह शाम आरती की जाती है।  

Pitreshwar hanuman mandir indore
पित्र पर्वत मंदिर इंदौर

लेजर लाइट | Laser Lighting

पित्रेश्वर हनुमान मंदिर विशेष अवसरों पर लेजर लाइट और साउंड  शो का आयोजन किया जाता है। दो करोड़ की लागत से जर्मनी से विशेष लेजर लाइट मंगवाई गई हैं। लेजर मशीन की सहायता से यहां 7 रंगों का के लेजर शो का आयोजन किया जाता है जिसमें हनुमान जी की प्रतिमा पर लेजर कि सहायता से हनुमान चालीसा चित्रित किया जाता है | यह लेजर शो बहुत ही भव्य और शानदार होता है। हनुमान जी की प्रतिमा के पास पांच हाई मास्ट भी लगे हुए हैं जिससे रात्रि में भी चारों ओर प्रकाश रहता है। 

पित्र पर्वत इंदौर | Pitra Parvat Indore

जिस पर्वत पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है उस पर्वत को पितृ पर्वत के नाम से जाना जाता है। पित्र पर्वत को देवधरम टेकरी के नाम से भी जाना जाता है। पित्र पर्वत पर लोग अपने पितरों के नाम से पेड़ लगाते हैं इसी कारण इस पर्वत का नाम पितृ पर्वत पड़ा। आज पितृ पर्वत पर लोगों द्वारा अपने पितरों की याद में एक लाख से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। लगाए गए पौधों का संरक्षण इंदौर नगर निगम करता है । पितृ पर्वत गोमटगिरी जैन मंदिर से कुछ आगे हातोद मार्ग पर स्थित है। पितृ पर्वत चारों तरफ से घने पेड़ पौधों से घिरा होने के कारण बहुत ही शांत एवं मनमोहक स्थान है यहां लोग पिकनिक मनाने भी आते हैं। मुख्य रोड से पार्किंग स्थल तक जाने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है। इसके पश्चात पार्किंग स्थल से हनुमान जी की प्रतिमा तक पहुंचने के लिए टेकरी पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। पार्किंग की व्यवस्था पित्र पर्वत के नीचे पार्किंग की व्यवस्था है यहां एक विशाल मैदान है जिसमें वाहनों को आसानी से पार्क किया जाता है। 

Pitra Parvat Indore
Pitra Parvat

पित्र पर्वत का इतिहास | Pitra Parvat History

पित्र पर्वत को पहले देव धर्म टेकरी के नाम से जाना जाता था। इस स्थान पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा लगाने एवं सितारों की याद में पौधारोपण करने का विचार सबसे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय जी को आया। उन्हीं के आग्रह पर इस स्थान पर लोगों ने पितरों की याद में पौधे लगाने शुरू किए जो अब बड़े-बड़े वृक्षों का रूप ले चुके हैं और यह टेकरी चारों तरफ से हरी भरी चादर से आच्छादित दिखलाई देती है। पित्र पर्वत पर हनुमान जी की प्रतिमा लगवाने से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक का श्रेय इंदौर के लोगों और कैलाश विजयवर्गीय जी को जाता है। 28 फरवरी 2020 को पित्र पर्वत टेकरी पर पित्रेश्वर हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई प्राण प्रतिष्ठा के समय यहां सवा लाख हनुमान चालीसा और सुंदर पाठ का आयोजन किया गया। अभी भी समय-समय पर इस स्थान पर भंडारे आयोजित किए जाते हैं जिसमें बड़ी मात्रा में आसपास के लोग सम्मिलित होते हैं। 

पित्र पर्वत कैसे पहुंचे | How to Reach Pitra Parvat

पित्र पर्वत पहुंचने के लिए सर्वप्रथम आपको इंदौर पहुंचना होगा यहां से आप बस टैक्सी अथवा व्यक्तिगत साधन से पित्र पर्वत तक पहुंच सकते हैं। पित्र पर्वत एरोड्रम रोड बिजासन रोड अथवा गोमटगिरी मार्ग पर स्थित है गोमटगिरी से हातोद मार्ग पर जाने पर पित्र पर्वत दिखलाई पड़ता है मुख्य रोड से कुछ दूरी पर ही पार्किंग की व्यवस्था है यहां से पर्वत पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं जहां हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है वायु मार्ग अहिल्याबाई एयरपोर्ट से चित्र पर्वत की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। एयरपोर्ट से आपको पित्र पर्वत तक जाने के लिए साधन मिल जाएंगे। रेलवे मार्ग से इंदौर देश का प्रमुख रेलवे स्टेशन है और देश के हर कोने से यहां आने के लिए रेल गाड़ियां उपलब्ध हैं। इंदौर रेलवे स्टेशन से पित्र पर्वत की दूरी 11 किलोमीटर है। रेलवे रेलवे स्टेशन से बस ऑटो अथवा टैक्सी के माध्यम से पित्र पर्वत पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग द्वारा इंदौर देश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। गंगवाल बस स्टैंड से पित्र पर्वत की दूरी 8 किलोमीटर है। 

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