लखबरिया गुफाएं शहडोल | Lakhbariya Dham Gufa Shahdol  

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में कई धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थान हैं इन्ही में से एक है लखबरिया धाम की गुफाएं ( Lakhbariya Caves ) | लखबरिया की गुफाएं शहडोल जिले की बुढार तहसील में लखबरिया नामक स्थान पर मेकल पर्वत की तराई में स्थित है | शहडोल से लखबरिया की गुफाओं की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है | यह स्थान लखबरिया धाम के नाम से प्रसिद्ध है | 

लखबरिया गुफाओं का निर्माण –

लखबरिया में कुछ प्राचीन गुफाएं है  | मान्यतानुसार इन गुफाओं का निर्माण महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान करवाया था | कहा जाता है कि अज्ञातवास के समय पाण्डव राजा विराट के नौकर बनकर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने ने यहाँ एक लाख गुफाओं का निर्माण किया था | एक लाख गुफाओं के कारण ही इस स्थान का नाम लखबरिया पड़ा | इन गुफाओं का निर्माण लाल बलुआ पत्थर की चट्टनो को काटकर किया गया है |

लखबरिया का ऐतिहासिक महत्व –

 पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार इन गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी तक चला था | समय के सांथ-सांथ और मौसम की मार से इन गुफाओं का क्षरण हो रहा है| अब लखबरिया में 13 गुफाएं ही शेष बची हैं | ऐसा प्रतीत होता है की इन गुफाओं के पास बैठकर गुरु अपने शिष्यों को ज्ञान देते थे | इनमें से कुछ गुफाओं के अन्दर शिवलिंग भी मिले हैं | कहा जाता है पांडवों ने इन गुफाओं के निर्माण के समय हर गुफा में शिवलिंग की स्थापना की थी | इन गुफाओं के पास एक तालाब भी है | सायद  इस तालाब से यहाँ पानी की पूर्ति होती होगी | आज भी इस तालाब में प्राचीन मूर्तियाँ और गुफाओं के अवशेष मिलती हैं |

Lakhbariya dham gufa
लखबरिया धाम की गुफाएं

लखबरिया का धार्मिक महत्व-

लाखाबरिया की गुफाओं के पास बहुत से मंदिर और देवी-देवताओं के स्थान है | लखबरिया में रामलला मंदिर है जिसमें भगवान राम-लक्ष्मण और माता सीता विराजमान है | कहा जाता है कि भगवान राम ने भी वनवास दौरान कुछ समय यहाँ बिताया था | पास में ही सीता माता की रसोई भी है | लखबरिया में अर्धनारेश्वर महादेव  , दुर्गा माता मंदिर  और राधाकृष्ण मंदिर भी है | मकर संक्रांति के दिन यहाँ मेला भी लगता है |
लखबरिया धाम में महान संत श्री श्री पन्नेलाल बाबा और श्री श्री रामदास जी बाबा की समाधि भी है जिसके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग यहाँ आते हैं  | 

लखबरिया गुफाओं के संरक्षण की अवश्यकता –

 लखबरिया की गुफाएं संरक्षण के अभाव में अपना अस्तित्व खोती जा रही है | जिन पत्थरों से गुफाएं बनी है वो धीरे-धीरे झड रही हैं | जानकारों  के अनुसार अगर लखबरिया और आप-पास खुदाई की जाए तो और भी कई गुफाएं निकलेंगी | अगर इन गुफाओं का संरक्षण नहीं किया गया तो ये गुफाएं अपना अस्तित्व भी खो सकती हैं |  गुफाओं के अन्दर गंदगी फैली रही  है और आस-पास बरसात में बड़ी-बड़ी घांस उग जाती है | लखबरिया के  पुरातात्विक , धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण एक महत्वपूर्ण पर्यटन के रूप में विकसित होने की अपार संभावनाएं है |  अगर शासन प्रशासन और पुरातत्व विभाग लखबरिया के संरक्षण पर ध्यान दे तो इसे ना सिर्फ शहडोल जिले अपितु सम्पूर्ण मध्य-प्रदेश के प्रयतन स्थलों में स्थान दिलाया जा सकता है | 

लखबरिया कैसे पहुंचें –

लखबरिया धाम गुफा शहडोल की बुढ़ार तहसील के निकट है | बुढ़ार से लखबरिया गुफाओं की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है | शहडोल से ( व्हाया NH-43 ) लखबरिया गुफाओं की दूरी 35 किलोमीटर है | अनूपपुर से लखबरिया की दूरी 25 किलोमीटर है | सड़क मार्ग से जाने पर लखबरिया गुफाएं शहडोल -राजेन्द्रग्राम मार्ग पर बुढ़ार निकट स्थित हैं | लखबरिया से निकटतम रलवे स्टेशन बुढ़ार है |

Lakhbariya caves on Google Map

इन्हें भी देखें-

ज्वाला देवी माता मंदिर उचेहरा

चित्रकूट तीर्थ

श्री पाट बाबा हनुमान जी जबलपुर

छीन्द वाले हनुमान दादा