संयुक्त अरब अमीरात ( UAE) की राजधानी अबू धाबी में स्वामीनारायण संस्था द्वारा 27 एकड़ में विशाल हिन्दू मंदिर का निर्माण किया गया है | मंदिर का नाम बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) हिन्दू मंदिर है | इस मंदिर की ऊँचाई 108 फीट, लम्बाई 262 फीट और चोडाई 180 फीट है | पत्थरों से निर्मित इस मंदिर का निर्माण प्राचीन भारतीय शैली में किया गया है | मंदिर का निर्माण राजस्थान से लाये गए गुलाबी बलुआ पत्थरों से किया गया है | मंदिर में स्वामीनारायण, राम-सीता, शिव-पार्वती, राधा-कृष्णा, भगवान जगन्नाथ , गणेश जी और हनुमान जी की प्रतिमायें हैं | BAPS अबू धाबी हिन्दू मंदिर दुबई-अबू धाबी हाईवे पर रहबा के पास है | मंदिर का निर्माण करीब 700 करोड़ रूपये में हुआ है |
अबू धाबी मंदिर का इतिहास | Abu Dhabi Mandir Ka Itihas-
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के UAE भ्रमण के दौरान UAE सरकार ने अगस्त 2015 अबू धाबी में हिन्दू मंदिर निर्माण के लिए भूमि प्रदान की | 11 फरवरी 2018 को मंदिर के लिए शिला पूजन किया गया और मंदिर का निर्माण कार्य आरम्भ हुआ | मंदिर निर्माण के लिए गुलाबी बलुआ पत्थरों को राजस्थान से अबू धाबी लाया गया और हजारो कारीगरों द्वारा इन पत्थरों को तराशकर मंदिर का निर्माण किया गया | मंदिर निर्माण में ईंट और लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है | अबू धाबी मंदिर का उद्घाटन 14 जनवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया |
अबू धाबी मंदिर का की वास्तुकला | Abu Dhabi Mnadir ki Vastukla-
अबू धाबी का मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है | 27 एकड़ में फैले इस मंदिर में 10 हजार से अधिक लोग आ सकते हैं | अबू धाबी मंदिर में दो गुम्बद, सात शिखर और 402 खम्बे हैं | मंदिर में रामायण, शिव पुराण, महाभारत की कहानियां उकेरी गई हैं | मंदिर की दीवारों पर सुन्दर नक्कासी की गई है और देवी-देवताओं की प्रतिमायें उकेरी गई हैं | मंदिर में अरबके प्रमुख जानवर ऊंट और पक्षी बाज की भी आकृतियाँ उकेरी गई हैं | जनवरी 2024 में 42 देशों के राजदूतों ने मंदिर का भ्रमण किया था |
मंदिर के बाहर गंगा के तट के समान दिखने वाला वातावरण बनाया गया है | यहाँ एक झरना है जो गंगा, यमुना और सरस्वती के स्त्रोत का प्रतीक है |
मंदिर परिसर में प्रार्थना कक्ष, लाईब्रेरी, पूजन सामग्री की दुकाने, बच्चों के खलने का गार्डन और बहुत सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं | मंदिर में भूकंप, तापमान को नापने के लिए सेंसर लगाए गए हैं |
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